रंग्पात्र
लोगों ने कहा यह अच्छा है तो अच्छा ही होगा ,ऐसा मैंने सोचा
उन्होंने कहा यह सही नहीं ..तो यह गलत है ,ऐसा मैंने सोचा .
अनगिनत रंग बदलते भाव मन में आए और एक आकृति बनी
वो जो कुछ मुझ सी थी पर वो मैं नहीं थी
वह एक रंग्पात्र थी जो हमेशा कहती रही
मुझमे अभी और कई रंग भरने और बदलने बाकी हैं..
लोगों ने कहा यह अच्छा है तो अच्छा ही होगा ,ऐसा मैंने सोचा
उन्होंने कहा यह सही नहीं ..तो यह गलत है ,ऐसा मैंने सोचा .
अनगिनत रंग बदलते भाव मन में आए और एक आकृति बनी
वो जो कुछ मुझ सी थी पर वो मैं नहीं थी
वह एक रंग्पात्र थी जो हमेशा कहती रही
मुझमे अभी और कई रंग भरने और बदलने बाकी हैं..
No comments:
Post a Comment