Tuesday, November 22, 2011

चाचा नेहरु

चाचा नेहरु हूँ मैं तुम्हारा
जिसने लड़ी थी एक लड़ाई


इस देश को वहां देखने


की कसम थी जिसने खाई I

मैंने देखा था एक सपना


जब हर बच्चा होगा एक सिपाही


खूब पढो और उठो चलो


इस देश की तुम पर है जिम्मेवारी I

यह लाल गुलाब यह उजली टोपी


इतना बस हैं बतलाते


तुम्हारी महक से दुनिया गूंजे


इतनी खोज करो तुम सारे I


बचपन की यादें कहती हैं जब
कहाँ गया वह निर्भय साहस


सोचता हूँ खुद मैं हमेशा


कि समय सुखा देता है सब रस I


पर दिल में चेतना मुख पर चमक


ला देती है वे सारे पल


जब बेख़ौफ़ घुमा करते थे हम


जेब में रख कर देश का कल I















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